तस्वीर हो या मूर्ति
★★★
तस्वीर हो या मूर्ति हमें बहुत कुछ सिखाती हैं।
कृष्ण राधा की मूर्ति या तस्वीर देख कर
हमारे मन में प्रेम व श्रद्धा के भाव उमड़ते हैं
सुनी हुई पौराणिक कथाएं याद आ जाती हैं
हृदय में प्रेम उमड़ता है , खो जाते हैं उनकी लीलाओं में
मधुर वंशी की तान सुनाई देती है
विचरती गायें दिखाई देती हैं
पनघट , मटकी , माखन ,
कान्हा का गोपियों सँग नटखटपन
सब दिखाई देता है
हमने किसी को देखा नहीं , पर
कल्पना मे ही ,उन्हें साकार कर
भक्ति ,प्रेम ,श्रद्धा से नतमस्तक हो जाते हैं।।
★★★
©
कवयित्री:- रागिनी सिंघल✍
No comments:
Post a Comment