मैने पूछा एक सुबह,
कहाँ है तू ऐ खुदा..!!
कहीं न मिला, ढूंढा हर जगह
जाने लोग क्यों इबादत करते है बेवजह??
एक शाम देखा उन्हें बरसात की शाम,
जाने क्या था उनका नाम।
बिना जाने उन्हें चाहने लगे हम,
पहचान से क्या लेना, हमें तो बस मोहब्बत से काम।
फिर एक दिन उनसे हाल-ए-दिल कहा
रो रो कर बताए उनके बिन कैसे रहा।
बेचैन रातें, बेताब मंजर
उनके बिना तन्हा हमने कैसे सहा।।
उन्होंने पूछा मेरे लिए तू तड़पता क्यों है?
किसी गैर के लिए इतना तरसता क्यों है?
तू कहता है दुनिया खुदगर्ज है,
फिर किसी गैर के लिए आँसू बरसता क्यों है??
मैने उनके कदमों में झुककर कहा,
ऐ मेरे जिंदगी मैनें तुझसे मोहब्बत की है।
हर सुबह हर शाम तुम्हारी इबादत की है
भुलाकर सारा जहाँ बस तेरी चाहत की है।।
उन्होंने मेरा हाथ थाम कर कहा,
यही तो कुदरत की एक विधा है।
जो हर रस्म होते हुए भी जुदा है,
तब जाना प्रेम ही तो खुदा है
#तेजस_केवट✍
#स्वरा
#स्वरांजली
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