स्वरांजली....शब्दों की गूँज

शब्द शस्त्र को परास्त करें, शब्द बिना अस्त्र ही वार करें शब्द दुश्मन को यार करें, आओ मिल कर हम इन शब्दों की गूँज इस बार करें #स्वरा #SKG

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Sunday, July 8, 2018

आर्या जी द्वारा सप्तरंग-२ में रचना✍


शीर्षक:- गुज़र जाएगा...ये दौर भी
★★★

उसकी हंसी मेरे आँखों में बसी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
तक़दीर मेरे उसके हाथो से बंधी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी

घाटियों में बसी बरसातों से थमी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
धनक रंग की सौन्दर्य बिखरी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी

लाल,गुलाबी,रंगो से मिजाज बदली है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
भीगती खलाओं में अदाएँ मचलती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी

दरवाजे पे खड़े होकर निहारती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
चितवन से लुभावने अंदाज से देखती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी

★★★
©
रचनाकार:- आर्या जी✍

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