शीर्षक:- गुज़र जाएगा...ये दौर भी
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उसकी हंसी मेरे आँखों में बसी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
तक़दीर मेरे उसके हाथो से बंधी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
घाटियों में बसी बरसातों से थमी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
धनक रंग की सौन्दर्य बिखरी है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
लाल,गुलाबी,रंगो से मिजाज बदली है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
भीगती खलाओं में अदाएँ मचलती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
दरवाजे पे खड़े होकर निहारती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
चितवन से लुभावने अंदाज से देखती है
शायद गुजर जाएगा ....ये दौर भी
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©
रचनाकार:- आर्या जी✍
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