शीर्षक:-
श्रद्धा और प्रेम के योग का नाम भक्ति है
मंदिर मंदिर ना फिरूं
माता-पिता मेरे मंदिर
शीश सदा इन्हीं चरणों में झुके
बस यही अभिलाषा मेरी
मेरी श्रद्धा मेरी पूजा
माता-पिता मेरे
हर सुमन कम है
मेरी भक्ति
माता-पिता मेरे
जिस सर आशीष इनका
वो हर जंग जीते
जीवन उसका सदा महके
माता-पिता साथ जिनके
अभिलाषा सिंह✍
#स्वरा
#स्वरांजली
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