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....................
ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर इसकी वजह से कोसना किसी को लाज़मी नही!
क्यों रहना छिप छिप कर सबसे,
क्यों ना बोलना अपने विचारों को लब से!
क्यों ना स्वीकार कर हम इसे अपनी ढाल बनाए,
मार सके जो डर को हमारे एक ऐसी तलवार बनाए!
ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर किसी को कोसना लाजिमी नहीं !!......
#स्वरा
★★★
©
कवयित्री:-संस्कृति जी✍
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ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर इसकी वजह से कोसना किसी को लाज़मी नही!
क्यों रहना छिप छिप कर सबसे,
क्यों ना बोलना अपने विचारों को लब से!
क्यों ना स्वीकार कर हम इसे अपनी ढाल बनाए,
मार सके जो डर को हमारे एक ऐसी तलवार बनाए!
ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर किसी को कोसना लाजिमी नहीं !!......
ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर इसकी वजह से कोसना किसी को लाज़मी नही!
क्यों रहना छिप छिप कर सबसे,
क्यों ना बोलना अपने विचारों को लब से!
क्यों ना स्वीकार कर हम इसे अपनी ढाल बनाए,
मार सके जो डर को हमारे एक ऐसी तलवार बनाए!
ऐसा #कौन_है_जिसमें_कमी_नही,
पर किसी को कोसना लाजिमी नहीं !!......
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