स्वरांजली....शब्दों की गूँज

शब्द शस्त्र को परास्त करें, शब्द बिना अस्त्र ही वार करें शब्द दुश्मन को यार करें, आओ मिल कर हम इन शब्दों की गूँज इस बार करें #स्वरा #SKG

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Sunday, September 16, 2018

मोहनलाल भाया जी द्वारा सप्तरंग-8 में रचना✍


शीर्षक:-कौन है...जिसमें कमी नहीं.... !!
★★★
....................
सुनो-
तुमने हर बार मुझमें केवल
कमियों को ही ढूंढा,
अपने अधूरे अहसासों को
छिपाने के लिए..!
न तुम पूर्ण हो न ही मैं क्यों कि
#कौन_है_जिसमें_कोई_कमी_न_हो ..!

जरूरतें जिन्दगी हैं प्यार नहीं
यथार्थ जरूरी है संवेदना नहीं ..!
यही आज के समय की पूर्णता है
ऐसा कहने वालोँ ये भी तो कहो
#कौन_है_जिसमें_कोई_कमी_न_हो ..!!


रिश्ते ही जीवन है,
संतान से ही परिवार है
परिवार से समाज है
जाति ही सबकी पहचान है
ऐसी सोच न रखें
क्यों कि पूर्णता भी कहती हैं-
#कौन_है_जिसमें_कोई_न_हो..!!

......
#स्वरा
★★★
©
रचनाकार(कवि):-मोहनलाल भाया जी✍

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