स्वरांजली....शब्दों की गूँज

शब्द शस्त्र को परास्त करें, शब्द बिना अस्त्र ही वार करें शब्द दुश्मन को यार करें, आओ मिल कर हम इन शब्दों की गूँज इस बार करें #स्वरा #SKG

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Monday, October 22, 2018

प्रतीक गौर जी द्वारा सप्तरंग-9(समय की परिभाषा) में रचना✍

 शीर्षक:-समय की परिभाषा... !!
★★★
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चाहत हमारी है मोहब्बत से ज्यादा
दूर होकर भी करीब हैं

नज़दीकियों से ज्यादा !
तेरे मेरे हिस्से में खुशियाँ हज़ार हैं

उन खुशियों की सौगात हमारा प्यार है !

समय के साथ चले हैं हम दोनों
हमारा साथ रहेगा हमेशा !

ना मिलकर भी एक हुए हैं 
यही है #समय_की_परिभाषा !

......
#स्वरा
★★★
©
रचनाकार [{कवयित्री/कवि }]:- प्रतीक गौर जी✍

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