स्वरांजली....शब्दों की गूँज

शब्द शस्त्र को परास्त करें, शब्द बिना अस्त्र ही वार करें शब्द दुश्मन को यार करें, आओ मिल कर हम इन शब्दों की गूँज इस बार करें #स्वरा #SKG

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Monday, October 22, 2018

मोहनलाल भाया जी द्वारा सप्तरंग-9(समय की परिभाषा) में रचना✍


शीर्षक:-समय की परिभाषा... !!
★★★
....................

न बूझ पाया कोई आज तक ,
कल, आज और कल की पहेली .!
#समय_की_परिभाषा तक ,
बनी हुई है इसलिए अबूझ पहेली .!

सीख कर कल से जीयें आज ,
तो ही संवरता है फिर आने वाला कल .!
जान कर ये सच मानव फिर भी, 
सुलझा नहीं पाया #समय_की_परिभाषा .!

कुछ कुछ प्रकृति सी रंग बदले ,
कभी-कभी निराकृति सी लहरें लगती हैं..!
समझे का सोचें किसकी तरह ,
#समय_की_परिभाषा है हर पल बदलती .!

ले कर जन्म जीवन जीता है ,
इतिहास के पन्ने बन मौत के अनुभव तक.!
#समय_की_परिभाषा समझने ,
अवतार ले ईश्वर समझ न पाया अब तक .!
......
#स्वरा
★★★
©
रचनाकार [{कवयित्री/कवि }]:- मोहनलाल भाया जी✍

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