★★★
....................
मेरे लिए स्वतंत्रता है
मन को ही उल्लासित कर दे
मेरे भारत के काव्य खंड
सुंदर भाषा अंकित कर दे
लिख दे प्राण न्योछावर हैं जो
प्रीत अमन की संचित कर दे
मेरे लिए स्वतंत्रता है अब
कल भी स्वतंत्रता का रस भर दे
प्रकृति सुरक्षित कर अपनी
मनवता में सम रस भर दे
ना हो जुमलों का खेल यहां
कर्त्तव्य मार्ग सुदृढ़ कर दे
आशाओं की महिमा गूँजे
मेरा निश्चय तू दृढ़ कर दे
भर दे उमंग उल्लास यहां
भारत में उन्नति कर दे
हर मानव मन में प्रेम बसे
उद्दंडता को अवनति कर दे
मेरे भारत के काव्य खंड
सुंदर भाषा अंकित कर दे
......
#स्वरा
★★★
©
कवि:-अवधेश तिवारी जी✍
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मन को ही उल्लासित कर दे
मेरे भारत के काव्य खंड
सुंदर भाषा अंकित कर दे
लिख दे प्राण न्योछावर हैं जो
प्रीत अमन की संचित कर दे
मेरे लिए स्वतंत्रता है अब
कल भी स्वतंत्रता का रस भर दे
प्रकृति सुरक्षित कर अपनी
मनवता में सम रस भर दे
ना हो जुमलों का खेल यहां
कर्त्तव्य मार्ग सुदृढ़ कर दे
आशाओं की महिमा गूँजे
मेरा निश्चय तू दृढ़ कर दे
भर दे उमंग उल्लास यहां
भारत में उन्नति कर दे
हर मानव मन में प्रेम बसे
उद्दंडता को अवनति कर दे
मेरे भारत के काव्य खंड
सुंदर भाषा अंकित कर दे
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#स्वरा
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कवि:-अवधेश तिवारी जी✍
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